RSS Feed

भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है

Posted by Milan Saxena

भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,
हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,
बात कहके तो कोई भी समझ लेता है,
पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है...!

0 comments:

Post a Comment